कुछ मेरे बारे में

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आईज़ोल, मिज़ोरम, भारत
अब अपने बारे में मैं क्या बताऊँ, मैं कोई भीड़ से अलग शख्सियत तो हूँ नहीं। मेरी पहचान उतनी ही है जितनी आप की होगी, या शायद उससे भी कम। और आज के जमाने में किसको फुरसत है भीड़ में खड़े आदमी को जानने की। तो भईया, अगर आप सच में मुझे जानना चाहते हैं तो बस आईने में खुद के अक्स में छिपे इंसान को पहचानने कि कोशिश कीजिए, शायद वो मेरे जैसा ही हो!!!

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रविवार, 5 सितंबर 2010

शिक्षक दिवस पर विशेष

शिक्षक दिवस: हम सभी जानते हैं कि यह दिवस हम क्यों मनाते हैं । किसकी याद में मनाते हैं । और कैसे मनाते हैं । इस दिन हम अपने शिक्षकों के प्रति अपना कृतज्ञता कृतज्ञता जाहिर करते हैँ, उनका सम्मान करते हैं । यह तो हमें हर दिन ही करना चाहिए । आईए, आज का दिन हम शिक्षकों के नाम करने के साथ-साथ यह भी निश्चित करते हैं कि यही भावना हम वर्ष भर बनाए रखेंगे ।
 

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