अब अपने बारे में मैं क्या बताऊँ, मैं कोई भीड़ से अलग शख्सियत तो हूँ नहीं। मेरी पहचान उतनी ही है जितनी आप की होगी, या शायद उससे भी कम। और आज के जमाने में किसको फुरसत है भीड़ में खड़े आदमी को जानने की। तो भईया, अगर आप सच में मुझे जानना चाहते हैं तो बस आईने में खुद के अक्स में छिपे इंसान को पहचानने कि कोशिश कीजिए, शायद वो मेरे जैसा ही हो!!!
धन-तेरस
! मेरी अल्प जानकारी में यह एक मात्र दिन है जिसमें तेरह (१३) का अंक
जुडा हुआ है फिर भी हर वर्ष इसे हर्ष-उल्लास से मनाया जाता है। आज का दिन
धनवन्तरी जयन्ती भी है । हम सब को यह दिन मुबारक हो, हम सबकी मंगल-कामनांएं
पूरी हों ।
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