मुस्कुराने कि कोई वजह हो ज़रूरी नहीं
लेकिन बेवजह मुस्कुराना भी तो उचित नहीं
खुश रहने कि वजहें कम नहीं
खुशियां ढूंढ लेंगीं तुम्हे, तुम उन्हे पुकारो तो सही
वो मंजिल मंजिल नहीं, जिन्हे पाना मुश्किल नहीं
राह लंबी है, डगर मुश्किल है, पर कोहरा कोई बहाना नहीं
चुभें न कांटे हाथों में तो गुलाब कि नर्मी का हो भान नहीं
कांटो पर भी खिलता है गुलाब, कालींन वालों को इसका ज्ञान नहीं
रौशनी सूरज कि है भरपूर तो क्या मकानों में अंधकार नहीं
घर के कोनें को जो रौशन करे ऐसा दिया भूल जाना नहीं
बेजुबां दिल कि आवाज़ को कभी करो अनसुना नहीं
कभी अंतरात्मा से भी वार्ता करो, इससे बढ के कोई आवाज़ नहीं
हो खुशनसीब कि हैं सभी चाहने वाले तेरे पास यहीं
जरा सोचो उनकी, जिनका कोई कभी रहा ही नहीं
कौन है इस जहाँ में जो कभी रहा तन्हा नहीं
चलो मिटाएं तन्हाई किसी की इससे बड़ा कोई जज्बा नहीं