अब अपने बारे में मैं क्या बताऊँ, मैं कोई भीड़ से अलग शख्सियत तो हूँ नहीं। मेरी पहचान उतनी ही है जितनी आप की होगी, या शायद उससे भी कम। और आज के जमाने में किसको फुरसत है भीड़ में खड़े आदमी को जानने की। तो भईया, अगर आप सच में मुझे जानना चाहते हैं तो बस आईने में खुद के अक्स में छिपे इंसान को पहचानने कि कोशिश कीजिए, शायद वो मेरे जैसा ही हो!!!
राहुल गाँधी :- मम्मी, आपकी वजह से मेरी शादी नही हो पा रही..
सोनिया गाँधी :- ऐसा क्यों बेटा?
राहुल गाँधी :- हर तरफ़ तो लिखा है की सोनिया गाँधी को बहुमत दो!
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